हम एक ऐसी वादी दरयाफ़्त कर चुके जहाँ सिर्फ़ दुखों की फ़स्ल काश्त होती है जन्नत की बात करने वालों के होंट ख़ामुशी के धागे से सी कर उन्हें सन्नाटों की जहन्नम में डाल दिया जाता है मोहब्बत के माथे पर ''नफ़रत'' लिखने की सियाही हर सीने में डाल दी गई है धरती के सीने पर ख़ुशियाँ सींचने वालों की आँखें अब अपने हाथ तलाशती फिरती हैं नफ़रत के तेज़ाब से हम एक दूसरे का चेहरा बिगाड़ने पर तुल चुके हैं हमारी मासूमियत के चेहरे पर ख़ौफ़ जाले बुन चुका है