आचानक By Nazm << नैनीताल संगसार होने वाली लड़की की... >> कभी सोचा भी न था कि धूप और छाँव के खेल में यक-दम सुलगते गुलाब तर होंगे बंजर ज़मीन और पेड़ पर इस क़दर समर होंगे Share on: