आओ बच्चो गीत सुनाएँ नैनीताल का हाल बताएँ एक पहाड़ी देश बसा है क़ुदरत के रंगों से भरा है ऊँची ऊँची हैं चट्टानें जैसे क़िलए' की दीवारें बल खाई सड़कों के किनारे हरे भरे पेड़ों के नज़ारे हद्द-ए-नज़र तक हरा-भरा है रंग-बिरंगा फूल खिला है ख़ुशबू से महकी हैं फ़ज़ाएँ भीनी भीनी मस्त हवाएँ इस धरती के रंग अलबेले गोद में जिस के बादल खेले चीना पीक की ऊँची चोटी ऐवरैस्ट की है याद दिलाती आठ हज़ार फ़ुट ऊँचाई पर खींच आया जन्नत का मंज़र मई जून में ख़ासी सर्दी जाड़ों में है बर्फ़ बरसती स्नोफॉल वो हौले हौले जैसे नेचर मोती रोले नीला नीला झील का पानी गहरे ताल की है ये निशानी लहरों से टकराती कश्ती चली किनारे हटती बचती