वो मेरी शबीह में रंग भरते भरते थक कर सो गई उस के रंग चुरा लिए मैं ने उस की ख़ुशबू चुरा ली मैं ने फिर वो तस्वीर हमेशा के लिए अधूरी रह गई वो मेरी साँसों में ख़ुशबू लिए नींद ओढ़ कर सो गई उस के ख़्वाब चुरा लिए मैं ने उस की आँखें चुरा ली मैं ने फिर वो ता'बीर हमेशा के लिए अधूरी रह गई