आस पास साँस लेती ज़िंदगी अम्न चैन की चाहत में उड़ते परिंदे घर आँगन में हरियाली के साए ताज़ा बहती हवाएँ रोज़-मर्रा ज़िंदगी की छोटी छोटी उम्मीदें बहुत कुछ बाक़ी है अभी नए सिरे से दुनिया को सजाने सँवारने के लिए अपने आज को सँभाल कर और ख़ूबसूरत बनाने के लिए