जिन पर मेरा दिल धड़का था वो सब बातें दोहराते हो वो जाने कैसी लड़की है तुम अब जिस के घर जाते हो मुझ से कहते थे बिन काजल अच्छी लगती हैं मेरी आँखें तुम अब जिस के घर जाते हो कैसी होंगी उस की आँखें तन्हाई में खोई-खोई नाज़ुक सपने बुनती होगी तुम अब जिस के घर जाते हो क्या वो मुझ से अच्छी होगी