आख़िरी अलमिया By Nazm << एक नज़्म मैं नहीं चाहता >> हमारे बाल-ओ-पर में आसमाँ पैमाई लिक्खी थी किसी मरते परिंदे ने हमें पर्वाज़ सौंपी थी हमें इस इन्तिहा-ए-शब में फिर तन्हा सितारे चुगने जाना है सितारो हम किसे ए'जाज़ बख़्शेंगे किसे अपने परों की गर्द से लिपटी हुई ये आख़िरी पर्वाज़ बख़्शेंगे Share on: