आख़िरी लफ़्ज़ By Nazm << नन्हा ग़ासिब हयूला >> पत्थर जिस्म के अंदर टूटे पानी रूह में आग जगाए कैसी मोहब्बत कैसी नफ़रत सारी बातें लफ़्ज़ की रेत से बने घरौंदे हैं लफ़्ज़ों के इस खेल में सब कुछ खोने से अच्छा है पिछले ज़ख़्म उधेड़ो और रिसते ख़ून से अपना नाम लिखो Share on: