काग़ज़ पे फैले रंगों की बे-रब्त लकीरों में ढूँडो इन रंगों को ग़ौर से देखो उजले काले नीले पीले रंगों में पोशीदा आँखें हैं और आँखें कुछ बोल रही हैं कुछ आँखों में ख़्वाब बसे हैं कुछ आँखें हैं खोई खोई कुछ आँखों में भरी हुई है चिंगारी सी कुछ आँखें हैं सहमी सहमी घबराई सी कुछ आँखों से ख़ून के क़तरे टपक रहे हैं कुछ आँखें हैं पथराई सी बेहिस आँखें मुर्दा आँखें