प्यारे बच्चो तुम एक काम करो अपनी नेकी से पैदा नाम करो बा-अदब बा-नसीब होता है तुम बुज़ुर्गों का एहतिराम करो बे-अदब बे-नसीब होता है इस लिए सब को तुम सलाम करो तुम से नाराज़ हो अगर कोई अपनी बातों से उस को राम करो अपने दुश्मन से ख़ुद गले मिल कर सारे शिकवे-गिले तमाम करो जिस किसी से मिलो तो हँस के मिलो नर्म लहजे में फिर कलाम करो राह में जब मिले कोई मजबूर छोड़ कर अपना उस का काम करो बैठने से जहाँ मिले नेकी ऐसी मज्लिस का एहतिमाम करो ख़ूब मेहनत करो पढ़ाई में बस यही काम सुब्ह-ओ-शाम करो अपने किरदार के सहारे तुम इल्म का शौक़ सब में आम करो इल्म ही ला-ज़वाल दौलत है मुश्तहर बस यही पयाम करो