1 एक थी चिड़िया एक था कव्वा एक थी मैना एक था तोता एक थी बिल्ली एक था कुत्ता एक थी मुर्ग़ी एक था बकरा चिड़िया कव्वा मैना तोता बिल्ली कुत्ता मुर्ग़ी बकरा ये सब साथ रहा करते थे दुख-सुख साथ सहा करते थे 2 अच्छी चिड़िया भोली भोली इक दिन इन सब से बोली आओ चल कर काम करें कुछ काम करें कुछ नाम करें कुछ ख़ाली रह कर वक़्त न खोएँ खेत में चल कर गेहूँ बोएँ जब ये सब गेहूँ पक जाएँ तब हम सब मिल जल कर खाएँ 3 चिड़िया की जब बात सुनी ये कव्वा बोला मैं नहीं बोता मैना बोली मैं नहीं बोती तोता बोला मैं नहीं बोता बिल्ली बोली मैं नहीं बोती कुत्ता बोला मैं नहीं बोता मुर्ग़ी बोली मैं नहीं बोती बकरा बोला मैं नहीं बोता सब ने कहा जब हम नहीं बोते चिड़िया ने वो आप ही बोया 4 थोड़े दिनों में वक़्त वो आया खेत ये गेहूँ का फल लाया चिड़िया बोली चल कर काटें गेहूँ से घर अपना पाटें उन सब ने जब काम सुना ये कव्वा बोला मुझ से न होगा मैना बोली मैं न करूँगी तोता बोला मुझ से न होगा बिल्ली बोली मैं न करूँगी कुत्ता बोला मुझ से न होगा मुर्ग़ी बोली मैं न करूँगी बकरा बोला मुझ से न होगा जब न किसी ने काम किया ये चिड़िया ने खेत आप ही काटा 5 गेहूँ घर में काट के डाले फिर सब से यूँ बोली चिड़िया आओ ये हम चक्की में पीसें पिस कर ये हो जाएँगे आटा चक्की और आटे की सुन कर उन में से हर इक घबराया सब से पहले कव्वा बोला आटा ये मुझ से न पिसेगा मैना बोली तोता बोला आटा ये मुझ से न पिसेगा मैना बोली तोता बोला आटा ये हम से न पिसेगा बिल्ली बोली कुत्ता बोला आटा ये हम से न पिसेगा मुर्ग़ी बोली बकरा बोला आटा ये हम से न पिसेगा जब न किसी ने पीसा आटा चिड़िया ने वो आप ही पीसा 6 सारे गेहूँ पीस चुकी वो फिर उन से यूँ बोली चिड़िया आओ पकाएँ मिल कर रोटी काम ये हो जाए तो है अच्छा बात ये सुन कर कव्वा बोला मुझ से नहीं पक सकती ये रोटी मैना बोली तोता बोला हम से नहीं पक सकती ये रोटी बिल्ली बोली कुत्ता बोला हम से नहीं पक सकती ये रोटी मुर्ग़ी बोली बकरा बोला हम से नहीं पक सकती ये रोटी जब न किसी ने काम किया ये चिड़िया ने रोटी भी पका ली 7 रोटी जब चिड़िया ने पका ली पूछा कौन ये खाएगा रोटी कव्वा बोला मैं खाऊँगा सब रोटी चट कर जाऊँगा मैना बोली मैं खाऊँगी तोता बोला मैं खाऊँगा बिल्ली बोली मैं खाऊँगी कुत्ता बोला मैं खाऊँगा मुर्ग़ी बोली मैं खाऊँगी बकरा बोला मैं खाऊँगा सब ने कहा हम खाएँगे रोटी सारी चट कर जाएँगे रोटी दिल में वो न ज़रा शरमाए झट-पट रोटी खाने आए 8 अब तो उन से चिड़िया बोली रोटी ये तुम को न मिलेगी काम से तुम सब घबराते हो फिर ये रोटी क्यों खाते हो फिर ये रोटी क्यों खाते हो बात ये सुन कर सब घबराए सब शरमाए सब पछताए चिड़िया और सब उस के बच्चे मिल कर खाना खाने बैठे सब ने मिल कर खाना खाया सब ने मिल कर गाना गाया काम का फल चिड़िया ने पाया काम ने इन का काम बनाया चाँद में बैठी तारा रानी ऐ लो बच्चो ख़त्म कहानी