अधूरे ख़्वाब By Nazm << शौहर ने आज... सवारी >> सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं पास अधूरे हैं ख़्वाब अधूरी है प्यास न कोई हसरत बाक़ी और न है कोई आस अजब तमाशे दिखाती है ज़िंदगी रचाती है रोज़ नया कोई रास Share on: