एक औरत बहुत उदास मलूल नेल गालों पर होंट में सूजन बाल बिखरे हुए परेशाँ से उस के शौहर ने आज मारा है लोग कहते हैं रात ग़ाएब थी दौर-ए-नौ के लतीफ़ गोशों से ना-बलद वो ग़रीब शौहर है बीवियाँ घर से रात को बाहर रह सकीं तो ये ऐन इज़्ज़त है आज के दौर की शराफ़त है इस नए दौर की नई तहज़ीब शौहर-ए-बे-शुऊर क्या जाने