आ जाओ ने सुन ली तिरे ढोल की तरंग आ जाओ मस्त हो गई मेरे लहू की ताल ''आ जाओ अफ़्रीक़ा'' आ जाओ मैं ने धूल से माथा उठा लिया आ जाओ ने छील दी आँखों से ग़म की छाल आ जाओ में ने दर्द से बाज़ू छुड़ा लिया आ जाओ मैं ने नोच दिया बे-कसी का जाल ''आ जाओ अफ़्रीक़ा'' अफ़रीक़ी ख़िदमत पसंदों का नारा पंजे में हथकड़ी की कड़ी बिन गई है गुर्ज़ गर्दन का तौक़ तोड़ के ढाली है मैं ने ढाल ''आ जाओ अफ़्रीक़ा'' चलते हैं हर कछार में भालों के मर्ग नैन दुश्मन लहू से रात की कालक हुई है लाल ''आ जाओ अफ़्रीक़ा'' धरती धड़क रही है मिरे साथ अफ़्रीक़ा दरिया थिरक रहा है तो बन दे रहा है ताल मैं अफ़्रीक़ा हूँ धार लिया मैं ने तेरा रूप मैं तू हूँ मेरी चाल है तेरी बब्बर की चाल ''आ जाओ अफ़्रीक़ा'' आओ बब्बर की चाल ''आ जाओ अफ़्रीक़ा''