कहा मास्टर जी ने मुन्ने से इक दिन करो काम पूरा जो हम ने कहा है बना लाओ तस्वीर इस नाम की तुम कि भैंसा चरा-गाह में चर रहा है न गुज़रे थे इस बात को दो मिनट भी कि मुन्ने ने तस्वीर तय्यार कर दी वो तस्वीर क्या थी फ़क़त सादा-काग़ज़ न थी जिस पे सुर्ख़ी न सब्ज़ी न ज़र्दी जो पूछा गया भई कहाँ है चरा-गाह तो फ़रमाया भैंसा उसे चर गया है जो पूछा गया फिर कहाँ है वो भैंसा कहा दूर जा कर कहीं मर गया है