आवागवन By Nazm << अधूरी भोली-भाली चिड़िया >> ज़िंदगानी की पतंग साँस की नाज़ुक सी डोरी पर है पर्वाज़-आज़मा कौन जाने कब कहाँ डोरी का रिश्ता टूट जाए और काग़ज़ का बदन अंधी हवा के दोष पर हौले हौले रफ़्ता रफ़्ता वादियों दरियाओं पहाड़ों सहराओं से गुज़र कर जा गिरे इक अजनबी से देस में Share on: