अयादत By Nazm << कतबा नज़्मों के लिए दुआ-ए-ख़ैर >> एक बार तर्क-ए-मरासिम के बावजूद उस ने मेरी अयादत की थी ख़ुदा गवाह है उस रोज़ से आज तक मैं अपनी सेहत का दुश्मन हूँ Share on: