लड़कपन की ख़ुशियों का ए'जाज़ हैं हम ठहरते नहीं जोश-ए-परवाज़ हैं हम कि माँ बाप के दिल की आवाज़ हैं हम हमारा गुलिस्ताँ हमारी बहारें हमीं हैं बुज़ुर्गों को बहलाने वाले शरारत में दिलचस्पियाँ पाने वाले सितारों से लड़ लड़ के सो जाने वाले हमारी बहारें हमारा गुलिस्ताँ कभी जोश में झूम कर हम जो गाएँ कभी मस्त हो कर जो धूमें मचाएँ फ़रिश्ते निगाहों में जल्वे दिखाएँ हमारी बहारें हमारा गुलिस्ताँ घटाओं ने हम को मचलना सिखाया हवाओं ने करवट बदलना सिखाया सितारों ने बे-ख़ौफ़ चलना सिखाया हमारी बहारें हमारा गुलिस्ताँ गुल-ए-ज़िंदगी है निखरते रहेंगे निखरते रहेंगे सँवरते रहेंगे नई मंज़िलों से गुज़रते रहेंगे हमारी बहारें हमारा गुलिस्ताँ