ईद बहुत ही धूम से आई बाज़ारों में रौनक़ लाई पहन के अच्छे अच्छे कपड़े बच्चे अपने घर से निकले कपड़े गोटे और फटे के झिलमिल करते झम झम करते ईद मिलन को पहुँचे घर घर कितने ख़ुश थे बाहम मिल कर फेनी और मिठाई खाई मीठी मीठी ईद मनाई मिले उन्हें ईदी के पैसे खेल खिलौने ख़ूब ख़रीदे जा कर बाग़ में झूला झूले दुनिया के सारे ग़म भूले सब ने दिल से ईद मनाई मगर हमें तो ज़रा न भाई तुम जो नहीं थीं पास हमारे दिल भर आया ग़म के मारे मेरी 'सीमीं' मेरी प्यारी तुम को मुबारक ईद तुम्हारी तुम ने मनाई ख़ूब ये ईद हमें तुम्हारी हुई न दीद हम तो जब तुम को देखेंगे ईद उसी दिन की समझेंगे