सुनो तुम क्यूँ नहीं कहते मिरे आँसू तुम्हें तकलीफ़ देते हैं मिरे दुख सुन के तुम भी बेबसी महसूस करते हो मेरी आवाज़ की लर्ज़िश तुम्हें भी ख़ूँ रुलाती है मेरे लहजे की नमनाकी तुम्हें बेचैन रखती है मुझे मा'लूम है लेकिन ये सब तुम कह नहीं सकते उसी लम्हे तुम्हें याद आने लगते हैं कई बेहद ज़रूरी काम और फिर तुम अचानक मुंक़ता' करते हो टेलीफ़ोन की लाइन फिर एक मैसेज में लिखते हो मुझे अफ़्सोस है पैकेज अचानक ख़त्म होने पर तो फिर कल बात करते हैं मगर मैं जानती हूँ इस बहाने को मुझे मा'लूम है जानाँ मिरे आँसू तुम्हें तकलीफ़ देते हैं