बक़ा By Nazm << और मेरे आस-पास ख़्वाब की ... बहुत मुमकिन है >> ये कारवाँ नुमूद का ये सिलसिला वजूद का ये आसमाँ ये कहकशाँ जो कुछ भी नज़्द-ओ-दूर है ये एक ही वजूद की नुमूद है न इब्तिदा न इंतिहा फ़क़त बक़ा Share on: