बंद मुट्ठी में होंट के टुकड़े By Nazm << दर्द तंहाई की पस्ली से नि... बुरा मान गए >> बंद मुट्ठी में होंट के टुकड़े और टुकड़ों में हाँपते सूरज और सूरज में सब्ज़ तारीकी और तारीकी में बरहना ख़याल और बरहना ख़याल में कश्ती और कश्ती में फ़स्ल गंदुम की और गंदुम की बंद मुट्ठी में होंट की सुर्ख़ी कपकपाती हुई Share on: