ये राहें ख़ुद-बख़ुद पूछेंगी तुम से कहाँ तुम जाओगे जब हम न होंगे इशारे कौन समझेगा तुम्हारे किसे समझाओगे जब हम न होंगे अभी अश्कों में पिन्हाँ है तबस्सुम ख़ुशी क्या पाओगे जब हम न होंगे ज़माना तोड़ देगा शीशा-ए-दिल बहुत घबराओगे जब हम न होंगे तग़ाफ़ुल की सज़ा तुम को मिलेगी बहुत पछताओगे जब हम न होंगे