जीवन माया हरियाली में तुम जोत जगाती आई हो तुम चाँद चकोरी चाँद बनो तुम फूलन फूल फ्लार बनो तुम दर्पन छाया ज्ञान बनो तुम रात जगाती प्यार बनो तुम रूप चमन संसार बनो जब बारिश मोती लुटते हैं जब मिट्टी सोंधी खुलती है तब हीरें स्वाँग रचाती हैं तब राँझे ढोल बजाते हैं तब आशिक़ गीत सजाते हैं जब मुटियारें बदन चुराती हैं जब नैनन नयन मिलाती हैं खेतों और गलियारों में प्रीत की लपटें उठती हैं तन जलते हैं मन जलते हैं गीतों की तरंगें उठती हैं सुर-ताल सुराही चलती है आँखों की मदिरा ढलती है तुम आस अधूरी तोड़ न देना बीच अँधियारे छोड़ न देना