बस यही कह सके By Nazm << यौम-ए-ख़वातीन पास-ए-वफ़ा >> हम तेरे सामने बेबसी की हदों से निकलते हुए बस यही कह सके अपने प्यारों से ऐसा रवय्या मुनासिब नहीं Share on: