तुम्हें पूरा हक़ है नाराज़ होने का हम बे-रहम शायरों से हम ने तुम्हें इक तमाशा बना दिया तुम्हारे दिल में दफ़्न गहरे-तरीन राज़ों तक हमारी नज़र पहुँच गई और हम ने तुम्हें शर्मिंदा कर दिया दुनिया के सामने तुम्हारे राज़ों पर नज़्में लिख कर तुम हमारे जुर्म पर हमें हथकड़ी न लगवा सके हमें अदालत न ले जा सके न फाँसी पर चढ़वा सके तुम हमारे ख़ून से अपने हाथ रंगने के लिए भी ख़ुद को आमादा न कर सके गो ये कुछ ऐसा मुश्किल भी न था लेकिन हमें अंदाज़ा है तुम हम से बदला लेने की ताक़त रखते हो और इरादा भी इस बे-रहम दुनिया को छोड़ देने के बावजूद!