इक दुनिया को तड़पाती हैं जानाना अदाएँ भारत की पर दिल पर चोट लगाती हैं पुर-दर्द सदाएँ भारत की वो इस की ज़मीं वो इस का फ़लक वो चाँद की वो सूरज की चमक वो तारों की बाहम चश्मक दिलकश वो फ़ज़ाएँ भारत की आँखों को ठंडक देती हैं मन की चिंता हर लेती हैं आकाश पे जब छा जाती हैं घनघोर घटाएँ भारत की इक बार यहाँ जो आता है बस भारत का हो जाता है हर दिल की जोत जगाती हैं रंगीन फ़ज़ाएँ भारत की भारत-बासी इज़्ज़त पाएँ फिर इन के अच्छे दिन आए इस इक मक़्सद पर मिल जाएँ जितनी हैं सभाएँ भारत की फिर ऐश-ओ-तरब के साज़ बजें फिर देस को अपने भाग लगें फिर एक-इक कर के पूरी हों सारी इच्छाएँ भारत की दुनिया के हिलाए हिल न सकें दुनिया के मिटाए मिट न सकें कुछ ऐसी हैं कुछ ऐसी हैं मज़बूत बिनाएँ भारत की 'नय्यर' हम अपनी ख़िदमत से फ़िरदौस बना दें भारत को फिर इस दुनिया में अज़-सर-ए-नौ हम क़द्र बढ़ाएँ भारत की