जंग छिड़ी हो सरहद पर या कहीं लगी हो आग पूरा हो अरमान किसी का या सो जाएँ भाग मेरी बीन जुदा है सब से मेरी जुदा है राग मेरी दुनिया खेल तमाशा मैं हूँ मुन्ना प्यारा सब के दिल की राहत हूँ मैं सब की आँख का तारा मैं रोऊँ तो मुझ को घर के सारे लोग मनाएँ मैं सोऊँ तो मेरे सपनों में परियाँ आ जाएँ मैं जागूँ तो मुझ को अम्मी अपने गले लगाएँ मैं गाऊँ तो गाए जैसे ये आलम ही सारा सब के दिल की राहत हूँ मैं सब की आँख का तारा दुनिया के सारे बच्चों का यकसाँ है अफ़्साना मेरे ही जैसा है सब की फ़ितरत का पैमाना मिलती-जुलती सी आदत है रोना हो या गाना मेरी मंज़िल प्यार मोहब्बत मेरा सपना न्यारा सब के दिल की राहत हूँ मैं सब की आँख का तारा मेरी दुनिया जंग नहीं है कैसी हाथा-पाई हो कोई हिन्दू या मुस्लिम सिख हो या ईसाई मेरी नज़र में सब यकसाँ हैं सब हैं मेरे भाई मेरे जैसे बच्चों का मज़हब है भाई-चारा सब के दिल की राहत हूँ मैं सब की आँख का तारा