इक ईंट तुम भी लाओ इक ईंट हम भी लाएँ प्यार और एकता का ऊँचा महल बनाएँ भारत नया बनाएँ इक पेड़ तुम उगाओ इक पेड़ हम उगाएँ सुख चैन शांति का मिल के चमन बनाएँ भारत नया बनाएँ कुछ फूल तुम भी लाओ कुछ फूल हम भी लाएँ ख़ाक-ए-वतन की ख़ुशबू माहौल में बसाएँ भारत नया बनाएँ इक नहर तुम बनाओ इक नहर हम बनाएँ फिर एकता का पानी हर खेत को पिलाएँ भारत नया बनाएँ इक दीप तुम जलाओ इक दीप हम जलाएँ नफ़रत की सब के दिल से तारीकियाँ मिटाएँ भारत नया बनाएँ खेतों में खाद पानी दे के अनाज उगाएँ कोई रहे न भूका सब पेट भर के खाएँ भारत नया बनाएँ पिछड़ों को हम उठाएँ अगली सफ़ों में लाएँ सब की तरक़्क़ी कर के ख़ुश-हाल उन्हें बनाएँ भारत नया बनाएँ बिजली के कार-ख़ाने आओ नए लगाएँ बिजली की जो कमी है इस को ज़रा मिटाएँ भारत नया बनाएँ ता'लीम टेक्नीकल सब लोगों को दिलाएँ तालीम-ओ-तर्बियत से इक इंक़लाब लाएँ भारत नया बनाएँ दुनिया में सब से ऊपर भारत को अब उठाएँ हम से भी सीखने को दुनिया के लोग आएँ भारत नया बनाएँ अमृत है सत्य का फल है ज़हर झूट का फल फल एकता का मीठा कड़वा है फूट का फल पेड़ एकता के आओ चारों तरफ़ लगाएँ सब के लिए चमन में इक साएबान बनाएँ भारत नया बनाएँ भारत नया बनाएँ