उस की बनाई हुई हर तस्वीर अख़बारों की ख़बर बन जाती है उस की हर पेंटिंग को इनआमात ललचाई हुई नज़रों से देखते हैं उस के ब्रश से रंगों का रंग खिल जाता है वो क़ुदरत के हर नज़्ज़ारे को अपने रंग और ब्रश से क़ैद कर लेता है लेकिन उस की बीवी की कोख में कोई तस्वीर नहीं होती उस के ब्रश से आँगन की किलकारियां ना-वाक़िफ़ हैं शायद इस मुसव्विर से काएनात का सब से बड़ा मुसव्विर नाराज़ है