बिस्लेरी By Nazm << तुझे तहरीर किया ज़रा सी बात थी >> आधा हिन्दू हूँ शराब पीता हूँ आधा मुसलमान कि सुअर नहीं खाता मियाँ ग़ालिब फ़रमाते थे 'ख़याल' साहब आप भी होते होते हो गए शायद आधे फ़रंगी हरिद्वार की चौक पर हरी हलवाई की दूकान में देसी घी की पूरी सब्ज़ी खाते थे मगर पीने के लिए बिस्लेरी ही मंगवाते थे Share on: