ब्लैक आउट By Nazm << तीन रंग एक रंग एक निराला खेल >> वो इक सहमा हुआ छोटा सा बच्चा था और उस के इम्तिहाँ नज़दीक थे अपनी किताबों से अभी उस को बहुत चीज़ें ज़बानी याद करना थीं मगर उस रात उस के शहर की सब बत्तियाँ गुल थीं उसे पढ़ना था लेकिन रौशनी बस दूर तोपों के दहानों से निकलती थी Share on: