सीमा ने मुझ से पूछा ऐ मेरे प्यारे चचा ये रोज़ आप मुझ को देते थे कैसा गच्चा कहते थे कर रहा हूँ वा'दा मैं तुम से सच्चा जंगल के पेड़ पर से बंदर का एक बच्चा लाऊँगा तोड़ कर मैं लेकिन अभी है कच्चा समझे थे आप है ये बुद्धू सी एक बच्ची छे साल की है होगी कुछ अक़्ल की भी कच्ची लेकिन समझ गई हूँ मैं सारी गच्चा गच्ची बिल्कुल बुरा न मानें मैं बात कह दूँ सच्ची बस हो गई है चचा अब आप की भी कच्ची मुझ को बता चुकी हैं कल रात मेरी चच्ची उगते नहीं शजर पर यूँ बंदरों के बच्चे होते नहीं वो हरगिज़ हरगिज़ भी पक्के कच्चे मैं आप के तो वा'दे मानूँ कभी न सच्चे मत दीजिए आप मुझ को अब ऐसे वैसे ग़च्चे चच्ची ने ख़ुद हैं देखे बंदर के अंडे बच्चे बंदरिया अंडे दे दे जब घोंसलों के अंदर बनते हैं पहले चूज़े फिर प्यारे प्यारे बंदर