चाँद के मिस्ल By बाल कविता, Nazm << छोटे बड़े ये पंछी अपना लें हम ये दस्तूर >> सूरज डूबा निकला चाँद बिल्कुल चाँदी जैसा चाँद धरती को रौशन करने कितना उजाला लाया चाँद इक दिन हम भी चाँद के मिस्ल दूर अँधियारा कर देंगे Share on: