छोटे बड़े ये पंछी By बाल कविता, Nazm << गर्मी दुम दबा कर भागी चाँद के मिस्ल >> दुख से परे ये पंछी हम से भले ये पंछी आकाश छू रहे हैं छोटे बड़े ये पंछी हासिल जो पँख होते हम भी उड़ान भरते Share on: