माँ से इक बच्चे ने पूछा चाँद में ये धब्बा कैसा है माँ ये बोली चंदा बेटे जिस को तुम धब्बा कहते हो वो तो इक पागल बुढ़िया है बच्चे ने मासूम आँखों से कुछ लम्हों तक माँ को बड़ी हैरत से देखा और ये पूछा माँ जब मैं चंदा बेटा हूँ तो मुझ में भी इक पागल बुढ़िया होगी माँ ने उस को भेंच लिया उस के लब चूमे गर्दन चूमी माथा चूमा और ये बोली हाँ तुझ में भी इक बुढ़िया है