चंदा मामूँ घर में तुम्हारे हम भी इक दिन आएँगे रॉकेट में आकाश के ऊपर सैर को हम भी जाएँगे पहले तो हम कहते थे कि चंदा मामूँ दूर के आ पकड़ेंगे इक दिन तुम को देखो न हम को घूर के देखेंगे हम ऊपर आ कर सच-मुच परियाँ रहती हैं जिन परियों की रोज़ कहानी दादी अम्माँ कहती हैं नन्हे मुन्ने बच्चे भी क्या चाँद नगर में रहते हैं क्रिकेट टेनिस खेलते हैं क्या स्कूलों में पढ़ते हैं बच्चों को क्या खेल खिलौना कोई वहाँ मिल जाता है लड़ते हैं सब आपस में या प्यार का उन में नाता है खेत वहाँ भी होते हैं क्या बाग़ वहाँ भी होते हैं गीत सुनाती चिड़ियाँ हैं या बातें करते तोते हैं