क़रिया-ए-मोहब्बत By Nazm << चंदा मामूँ फ़ैसले की घड़ी >> बहुत शदीद तशंनुज में मुब्तिला लोगो यहाँ से दूर मोहब्बत का एक क़र्या है यहाँ धुएँ ने मनाज़िर छुपा रखे हैं मगर उफ़ुक़ बक़ा का वहाँ से दिखाई देता है यहाँ तो अपनी सदा कान में नहीं पड़ती वहाँ ख़ुदा का तनफ़्फ़ुस सुनाई देता है Share on: