चाँद-नगर से ख़त आया है देखना इस में क्या लिक्खा है इस में लिखा है प्यारे बच्चो मैं आकाश पे बैठा बैठा तुम सब लोगों की दुनिया को ख़ामोशी से देख रहा हूँ इस में लिखा है प्यारी दुनिया पहले कितनी भोली-भाली नीली बर्फ़ के गोले जैसी सुंदर सी अच्छी लगती थी इस में लिक्खा प्यारे बच्चो अब ये ख़ून की रंगत जैसी अब ये आग के शो'लों जैसी सुर्ख़ नज़र आया करती है इस में लिखा है इस दुनिया को क्यों तारीकी ने घेरा है नफ़रत की घनघोर घटा का क्यों काला बादल छाया है इस में लिखा है अच्छे बच्चे प्यार के रौशन दिए जलाओ मुझ से उजली रौशनी ले लो अपनी दुनिया को चमकाओ चाहे मैं पड़ जाऊँ माँद फ़क़त तुम्हारा प्यारा चाँद चाँद-नगर से ख़त आया है देखना इस में क्या लिक्खा है