दादी अम्माँ हमें सुनाओ अब इक नई कहानी जिस में ज़ालिम राजा न हो न ही ज़ालिम रानी जिस में भूत प्रेत देव और जिन्नातों की बात न हो जिस में शहज़ादी की ख़ातिर शहज़ादे की मात न हो जिस में कोई लोभी लुटेरा सात समुंदर से न आए जिस में सोने की चिड़िया के पंखों को नोचा न जाए आज के युग में इन क़िस्सों की बात हुई पुरानी दादी अम्माँ हमें सुनाओ अब इक नई कहानी नई कहानी जिस में दहक़ाँ झूम रहे हों खेतों में नई कहानी जिस में कोयल मगन हो सुख के गीतों में नई कहानी जिस में धरती उगल रही हो सोना अम्न-ओ-मोहब्बत के गीतों से गूँज रहा हो हर कोना नई कहानी जिस में हम चंदा मामा तक जाएँ और चंदा-नगरी से झूला झूल के वापस आएँ नई कहानी कितनी सुंदर कितनी भली सुहानी दादी अम्माँ हमें सुनाओ अब इक नई कहानी