नीम के पेड़ में अटका हुआ चाँद नीम के पेड़ से छन-छन के बरसता हुआ दर्द दर्द यादों-भरी तन्हाई का दर्द उन यादों की रानाई का दर्द शबनम के बयाबाँ में मिरी प्यास की ज़ेबाई का दर्द हर लम्हे की जलती हुई पिन्हाई का इश्क़-ओ-एहसास-ए-शकेबाई का दर्द वक़्त के चेहरे पे है गुज़री हुई शाम की गर्द रात के हाथ हैं सर्द नीम के पेड़ से छन-छन के बरसता हुआ दर्द और हर दर्द है मानिंद नीम के पेड़ पे अटका हुआ चाँद