ज़िंदगी से उन्स है हुस्न से लगाव है धड़कनों में आज भी इश्क़ का अलाव है दिल अभी बुझा नहीं रंग भर रहा हूँ मैं खाका-ए-हयात में आज भी हूँ मुंहमिक फ़िक्र-ए-काएनात में ग़म अभी लुटा नहीं हर्फ़-ए-हक़ अज़ीज़ है ज़ुल्म नागवार है अहद-ए-नौ से आज भी अहद-ए-उस्तुवार है मैं अभी मरा नहीं