दिल-ए-मायूस बता ऐ दिल-ए-नाकाम बता मुब्तला-ए-सितम-ए-गर्दिश-ए-अय्याम बता जी के मैं क्या करूँ दुनिया में मिरा काम है क्या ख़ून उम्मीद का होता है सर-ए-बज़्म-ए-तरब बन गया हौसला ग़म ही मुसीबत का सबब जी के मैं क्या करूँ दुनिया में मिरा काम है क्या दर्द बढ़ जाए अगर चारागरी कौन करे है कठिन राह-ए-वफ़ा राहबरी कौन करे जी के मैं क्या करूँ दुनिया में मिरा काम है क्या गुलशन-ए-शौक़ में काँटों के सिवा कुछ न मिला हाए दुनिया में वफ़ाओं का सिला कुछ न मिला जी के मैं क्या करूँ दुनिया में मिरा काम है क्या जुस्तुजू किस की है 'नाशाद' कोई क्या जाने क्यों दिल-ए-ज़ार है बर्बाद कोई क्या जाने जी के मैं क्या करूँ दुनिया में मिरा काम है क्या