दीवाली के दीप जलाएँ आ जाओ रौशन रौशन गीत सुनाएँ आ जाओ गोशे गोशे में तज़ईन-ओ-ज़ेबाई साफ़ करें हर दिल की मैली अँगनाई फ़ितरत ने भी मस्ती में ली अंगड़ाई ख़ुशियों का संगीत सुनाएँ आ जाओ दीवाली के दीप जलाएँ आ जाओ रौशन रौशन गीत सुनाएँ आ जाओ आशाओं की मंज़िल पर सब कॉमन हो नफ़रत जाए प्यार की ज्योति रौशन हो प्रेम नगर में चाहे दाव पे जीवन हो भेद-भाव पे तीर चलाएँ आ जाओ दीवाली के दीप जलाएँ आ जाओ रौशन रौशन गीत सुनाएँ आ जाओ रौशनियों के जाल भी कितने सुंदर हैं दीपक मालाएँ घर घर का ज़ेवर हैं फुल-झड़ियों जैसे चेहरों पर तेवर हैं हर ज़ुल्मत को आज मिटाएँ आ जाओ दीवाली के दीप जलाएँ आ जाओ रौशन रौशन गीत सुनाएँ आ जाओ हार चुके हर बाज़ी अब रावन वाले लक्ष्मी की पूजा करते हैं धन वाले अपनी दुनिया हम बेचारे मन वाले आतिश-बाज़ी चमकाएँ आ जाओ दीवाली के दीप जलाएँ आ जाओ रौशन रौशन गीत सुनाएँ आ जाओ सब के लिए ख़ुश-हाली का ये साल रहे हर इंसाँ की क़िस्मत में ज़र माल रहे न कोई अब इस धरती पर कंगाल रहे हर क़िस्मत पर नूर बनाएँ आ जाओ दीवाली के दीप जलाएँ आ जाओ रौशन रौशन गीत सुनाएँ आ जाओ