दो तस्वीरें By Nazm << किताबों का रसिया तेरी यादों से क्या नहीं स... >> वो छतरी की तरह खुल कर मिली है गली में आज बारिश फिर रही है मैं उस की धूप में बैठा हुआ हूँ ये उस के साथ पहली जनवरी है Share on: