या रब फ़लक से ऊँचा इस देश को उठा दे मेरे चमन को सब से अच्छा चमन बना दे इज़्ज़त बड़ों की करना छोटों से प्यार करना दुनिया की सारी अच्छी बातें हमें सिखा दे मंज़िल नसीब करना गुमराही से बचाना जो सीधे रास्ते हैं उन पर हमें चला दे महफ़ूज़ रखना शाख़ें बुलबुल के आशियाँ की इस गुल्सिताँ में या रब फूल अम्न के खिला दे हर फूल हर कली की करता रहूँ हिफ़ाज़त जन्नत से इस चमन का माली मुझे बना दे बढ़ते हुए अँधेरे नफ़रत के ख़त्म कर के हर दिल में एकता की इक शम्अ फिर जला दे हर पेड़ इस चमन का फूले फले हमेशा गहवारा शांति का या रब इसे बना दे