दुख का रंग By Nazm << मोती बतख़ें >> मेरी आँखों की चमक के हमराह मौजूद है बहुत गहरा तेरे दिए गए दुख का रंग मगर देखने वाले सिर्फ़ चमक से चुँधिया जाते हैं बहुत गहरा नहीं देख पाते हैं Share on: