दूर की आवाज़ By Nazm << ऐ ज़िंदगी रेमोट >> नुक़रई घंटियाँ सी बजती हैं धीमी आवाज़ मेरे कानों में दूर से आ रही हो तुम शायद भूले-बिसरे हुए ज़मानों में अपनी मेरी शिकायतें-शिकवे याद कर कर के हँस रही हो कहीं Share on: