घर का एक अकेला बच्चा नन्हा-मुन्ना तासी राजा अपने आप ही बैठा खेले आप ही हँस ले आप ही रोले पापा भी हैं और मम्मी भी लेकिन उन्हें नहीं है छुट्टी उस के उठने से पहले ही पापा जाते हैं तड़के ही और मम्मी उस को नहला के खाना-दाना उसे खिला के अपने काम में जुट जाती हैं उस के हाथ कहाँ आती हैं अब वो और बस उस के खिलौने तन्हा तन्हा कितना खेले उस की दोस्त हुआ करती थीं कुछ दिन पहले इक दादी थीं जाने कहाँ जा बैठ गई हैं पोते से क्यों ऐँठ गई हैं दिल ही दिल में नन्हा तासी करता रहता दादी दादी इक दिन पापा जल्दी आ के शॉपिंग करने को जाते थे भागता आया तासी बोला मुझ को भी कुछ चाहिए पापा पापा बोले क्या कुछ बोलो कहने लगा इक दादी ला दो