मुझे हर इक बात की ख़बर है जो हो चुकी है जो हो रही है जो होने वाली है आज लेकिन मैं सिर्फ़ उस बात के भँवर में उतर रहा हूँ जो होने वाली है जिस को सरगोशियों का इक बे-कराँ समुंदर उगलने वाला है कारवाँ जिस का अब हिकायत की सर-ज़मीनों पे चलने वाला है जिस को हर दास्ताँ गले से लगाने वाली है जिस की हाँ में हर एक हाँ हाँ मिलाने वाली है आओ लोगो तलब के साहिल पे ख़ामुशी की दबीज़ चादर लपेट कर सोने वाले लोगो शायद अंदोह के अँधेरे में ख़ौफ़ की ख़ार-दार चादर लपेट कर रोने वाले लोगो सुनो कि जो बात होने वाली है उस का आग़ाज़ हो रहा है सुनो कि ये बात आप की है सुनो की ये बात रूस और चीन की नहीं है वहाँ तो उस को हुए ज़माना गुज़र चुका है ये बात वियतनाम और कमबोडिया की भी अब नहीं रही है वहाँ तो अब उस की शक्ल इक दास्ताँ की सूरत में ढल चुकी है वहाँ से ये बात चल चुकी है ये बात अब तुम करोगे तुम जिन के वहम में भी न था कि इक दिन उसे तुम्हारे लहू लहू लब अदा करेंगे यही तो इस बात का करिश्मा है मो'जिज़ा है कि इब्तिदा उस की जब भी होगी वही करेंगे जो इंतिहा के हक़ीर होंगे मगर बहुत बा-ज़मीर होंगे मुझे तुम्हारे मुझे तुम्हारे हक़ीर और बा-ज़मीर होने में शक नहीं है कि मैं भी तुम में से एक हूँ और जानता हूँ कि तुम जो मुद्दत से ख़ामुशी की दबीज़ चादर लपेट कर सो रहे हो क्या हो कि तुम जो अंदोह के अँधेरे में ख़ौफ़ की ख़ार-दार चादर लपेट कर रो रहे हो क्या हुआ सुनो कि जो बात होने वाली थी हो रही है मैं इस का आग़ाज़ कर चुका हूँ उठो अपने लहू लहू लब मिरी सदा के लबों पे रख दो